Monday 20 June 2016

Love Story In Hindi shayari

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कल वाले दिन अब परसों हुए उस जुनू को जिये बरसो हुए
दिन कटता था जिसके दीदार में उस इश्क़ को किये बरसो हुए

वो भी क्या दिन थेलगता हैं सब कल परसों हुए
हाथो में हाथ हसीना का साथ उसे बाँहों में भरे बरसो हुए

जिस मंज़र से की थी इस क़दर चाहत हमने उस गली से गुजरे बरसो हुए
याद करता हैं वो चौक का चौकीदार हमें इस मोहल्ले में चोरी हुए बरसो हुए

आ जाओ तुम फिर से अपने रंग में कि तुम्हे भी किसी का दिल चुराये बरसो हुए

आशिकों कि ज़मात में एक तुम्हारा भी नाम हो जो मिटाए ना मिटे फिर कितने भी बरसो हुए
 

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